नहीं मिलता है और यदि हृदय को ऑक्सीजन जल्दी ना मिले तो हृदय की मांसपेशियां नष्ट हो जाती हैं।
भारत में हर 33 सेकंड्स में एक व्यक्ति की मृत्यु दिल के दौरे के कारण होती है। भारत में 1 साल में दिल के दौरे के लगभग 20 लाख मामले होते हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि हार्ट अटैक आने पर जितनी जल्दी पेशेंट को मेडिकल हेल्प मिल जाए उतना ही बेहतर होता है। इसलिए जल्द से जल्द एम्बुलेंस बुलाकर हॉस्पिटल पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि कई बार अटैक आने पर मरीज अकेला होता है, इसमें कुछ बातें हैं, जिनका ध्यान रखकर खतरे को कुछ हद तक टाला जा सकता है।
यदि मरीज अकेला हो और दिल का दौरा पड़ जाए, तो उसे किसी की मदद नहीं मिल पाती। ऐेसे में अगर रोगी थोड़ी समझदारी और धैर्य से काम ले, तो उसकी जान बच सकती है। हृदयरोगी अपने चिकित्सक करीबी का नंबर हमेशा स्पीड डायल में सेव रखें, ताकि इमरजेंसी के वक्त तुरंत मदद बुलाने में आसानी हो। जब तक एम्बुलेंस न आए, तब तक इन 10 बातों पर अमल करके प्रॉब्लम को कंट्रोल किया जा सकता है।
दिल का दौर पढ़नेने पर ऐसे बचा सकते हैं जान...
1. जमीन पर सीधे लेटकर रेस्ट करें और ज्यादा हिलें नहीं।
2. पैरों को कुछ ऊंचाई पर रखें। इससे पैरों के ब्लड की सप्लाई हार्ट की ओर होगी जिससे BP कंट्रोल होगा।
3. धीरे-धीरे लम्बी सांसें लें। इससे बॉडी को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलेगी।
4. तुरंत कपड़ों को थोड़ा ढीला कर दें। इससे बेचैनी कम होगी।
5. सोरबिट्रेट की एक गोली जीभ के नीचे रखें।
6. सोरबिट्रेट न हो तो डिस्प्रिन की एक गोली खा सकते हैं।
7. दवाई के अलावा और कुछ न खाएं।
8. उल्टी आए तो एक तरफ मुड़कर उल्टी करें, ताकि उल्टी लंग्स में न भरे।
9. पानी या कोई भी ड्रिंक पीने की गलती न करें। इससे उल्टी आ सकती है, जिससे प्रॉब्लम बढ़ेगी।
10. अपने आसपास मौजूद किसी भी परिचित या डॉक्टर को फोन लगाकर इन्फॉर्म करें।