साइनाइड का स्वाद

आखिर साइनाइड का स्वाद कैसा होता है?
 कहा जाता है साइनाइड इतना खतरनाक जहर है की टेस्ट करने वाले को स्वाद पता भी नहीं चल्ट्स क्योंकि टेस्ट बताने से पहले ही बताने वाले की मृत्य हो जाती है।

एक व्यक्ति ने सायनाइड का टेस्ट पूरी दुनिया को बताने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने की सोची। कलम कॉपी लेकर बैठ गया। एक हाथ में कलम दूसरे में सायनाइड, एक हाथ से सायनाइड मुंह में डाला दूसरे से लिखना शुरू किया – S....

रोमन लिपि का "S" ही लिख पाया था कि उसकी मृत्य हो गई। अब अक्षर "S" से तो इतने स्वाद आते हैं -

Sweet – मीठा
Sour – खट्टा
Salt – नमकीन

तो पता नहीं चल पाया कि साइनाइड का स्वाद कैसा होता है, इसका स्वाद और रहस्यमय बन गया।

आपने भी कभी न कभी ये कहानियां जरूर सुनी होंगी, लेकिन क्या ये सच हैं?
निजी तौर पर बोलूँ तो यह अक्षरशः झूट ही लगता है, तो आज मैंने जबाब भी ढूंढा है।

हमारी रोजमर्रा की इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ों में, खाने पीने वाली चीज़ों में भी सायनायड होता है और हम एक्सीडेंटली उसका सेवन कर लेते हैं या सांसों के माध्यम से उसे इन्हेल कर लेते हैं। सेब के बीज में सायनायड होता है, ये तो उन सभी को पता होगा जिन्होंने श्रीदेवी की मूवी मॉम देखी होगी। ये कुछ चीजें हैं जिसमें थोड़ा बहुत सायनायड पाया ही जाता है – बादाम, प्लास्टिक या कोयले का जलना, सेब के बीज, सिगरेट, दूषित पीने का पानी, भोजन, पेस्टेसाइड इत्यादि। यदि आपने इन वस्तुओं का सेवन किया होगा तो आपको ये जरूर पता चला होगा कि इसके स्वाद में कड़वाहट होती है। बादाम का स्वाद हल्का कड़वाहट लिया होता है और कुछ बादाम ज़्यादा कड़वे होते हैं। सेब के बीज भी कड़वे होते हैं।

आपने अब तक लेख को ध्यान से पढ़ा है तो पता चल ही गया होगा, साइनाइड का स्वाद कड़वा होता है।
ऑस्ट्रेलिया के एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल संडे मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार 2006 में एक भारतीय ने सुसाइड करने के लिए साइनाइड खा लिया था. उसे बचाया तो नहीं जा सका लेकिन उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था –

"पोटेशियम साइनाइड. मैंने इसे टेस्ट किया है। ये जीभ जला देता है और इसका स्वाद कड़वा होता है।"